Menu
Bhagalpur-ganga-flood-naugachia-embankment-collapse-30-houses-submerged bihar rozana flood

गंगा का कहर: नवगछिया में तटबंध टूटा, मकान नदी में समाए

Bihar Rozana 4 months ago 0 32

गंगा नदी की तेज बढ़ती धारा में नवगछिया (भागलपुर) क्षेत्र में एक तटबंध टूट गया। इस घटना के चलते लगभग 30 मकान नदी की तीव्र धारा में बह गए, जिससे कई परिवार बेघर हो गए हैं। जैसे-जैसे शाम हुई, स्थिति और गंभीर हो गई और लोगों को अपनी जान बचाने के लिए घर छोड़ने पड़े। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) की टीम ने समय रहते राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया और कई प्रभावितों को सुरक्षित निकाल लिया।

NDRF का रेस्क्यू अभियान

  • NDRF की टीम ने तुरंत क्षेत्र में पहुंचकर राहत कार्य शुरू किया।
  • प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया।
  • बचाव प्रयासों के दौरान प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक आपूर्ति भी प्रदान की गई।

तटबंध टूटने का कारण और भविष्य की चिंता

  • प्रथम दृष्टया यह घटना गंगा जलस्तर की अचानक वृद्धि और नदी के कटाव के कारण हुई प्रतीत होती है।
  • ग्रामीणों में पुनः ऐसी घटना की आशंका बनी हुई है, जिससे नई आपदाओं का खतरा मंडरा रहा है।
  • तटबंधों की मजबूती और जल प्रवंधन की रणनीति पर पुनर्विचार की आवश्यकता उत्पन्न हो गई है।

सामग्री तालिका

अनुभागविवरण
1. गंगा का कहर: नवगछिया में तटबंध टूटाघटना की भूमिका और प्रारंभिक विवरण
2. NDRF का रेस्क्यू अभियानबचाव कार्य की जानकारी और प्रभाव
3. तटबंध टूटने का कारण और भविष्य की चिंताजोखिम और चिंताओं का विश्लेषण

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

प्रश्न: नवगछिया में तटबंध टूटने का मुख्य कारण क्या था?

उत्तर: यह तटबंध गंगा नदी के तेज जलस्तर और कटाव के कारण टूट गया, जिससे आसपास के मकान नदी में समा गए।

प्रश्न: इस घटना में NDRF की भूमिका क्या रही?

उत्तर: NDRF ने समय रहते राहत एवं बचाव कार्य शुरू किया, प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया और प्राथमिक चिकित्सा उपलब्ध कराई।

प्रश्न: इस घटना में कुल कितने मकान प्रभावित हुए?

उत्तर: लगभग 30 मकान गंगा नदी की तेज धारा में बह गए और नदी में समा गए।

प्रश्न: क्या भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा हो सकती हैं?

उत्तर: हाँ, गंगा के जलस्तर में अस्थिरता और तटबंधों की कमजोर स्थिति के कारण भविष्य में ऐसी घटनाएँ दोबारा हो सकती हैं, अत: बेहतर जल प्रबंधन और मजबूत तटबंधों की आवश्यकता है।

Leave a Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *