मुख्यमंत्री की घोषणा और राहत राशि
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग समीक्षा बैठक में भागलपुर जिले में बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार को ₹7,000 की प्रत्यक्ष नकद सहायता देने का निर्णय लिया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत राशि पारदर्शी और शीघ्रता से लाभुकों के बैंक खातों में भेजी जाए।

बचाव एवं राहत कार्य—भूमिका और वर्तमान स्थिति
- भागलपुर जिले में राहत एवं बचाव कार्यों में तेज़ी लाई गई है:
- 33,000 से अधिक लोगों को बचाया गया।
- 60 मोटरबोट, 1,233 डोंगी, और 104 अन्य नावों का उपयोग किया गया।
- 8,811 लोग सरकारी राहत शिविरों में सुरक्षित हैं।
- राहत सामग्री वितरण:
- 52,573 पॉलीथीन शीट्स, 1,785 सूखे राशन पैकेट वितरित किए गए।
- 186 सामुदायिक रसोई स्थापित की गईं, जहाँ 7.67 लाख से अधिक लोगों को भोजन मिला।
- 3,360 से अधिक पशुओं के लिए 335 क्विंटल चारा प्रदान किया गया।
जिला-स्तर पर राहत और बचाव प्रतिक्रिया
- NDRF व SDRF की 8 टीमें (180 कर्मी और 36 नावें) तैनात की गईं।
- सरकार ने राहत केंद्रों और सामुदायिक रसोई की संख्या बढ़ाकर 186 कर दी है।
- पावर सप्लाई स्थिर है और कृषि विभाग ने बताया कि राज्य में 94% धान की बुआई पूरी हो चुकी है, जबकि फसल क्षति का आंकलन जारी है।
सरकार की रणनीति और आगे की कार्रवाई
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं:
- राहत निधि त्वरित रूप से वितरण हो।
- राहत कार्यों—खानपान, बचाव, शरण सुविधाओं—की दैनिक मॉनिटरिंग की जाए।
- नदी तटों पर सतर्कता बरती जाए ताकि बाढ़ से और अधिक नुक़सान से बचा जा सके।
मुख्यमंत्री ने भागलपुर बाढ़ प्रभावित परिवारों को क्या राहत राशि देने का ऐलान किया?
उन्होंने प्रत्येक बाढ़-प्रभावित परिवार को ₹7,000 देने की घोषणा की।
बचाव और राहत कार्यों में कितनी नावें और टीमें लगी हुई हैं?
कुल 60 मोटरबोट, 1,233 डोंगी, और 8 NDRF/SDRF टीमें (180 कर्मी, 36 नावें) सक्रिय हैं।
राहत के दौरान कितनी सामुदायिक रसोई चल रही हैं और कितने लोगों को भोजन मिला?
186 सामुदायिक रसोई संचालित हैं, जहाँ 7.67 लाख से अधिक लोगों को भोजन मिल चुका है।
बाढ़ से फसल और कृषि पर क्या प्रभाव पड़ा और सरकार क्या कर रही है?
राज्य में 94% धान बुआई पूरी हो चुकी है, जबकि फसल क्षति का मूल्यांकन अभी चल रहा है; सरकार प्रत्येक बिंदु पर निगरानी कर रही है।

