योजना का उद्देश्य
बिहार सरकार ने पशुपालकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक राहत योजना शुरू की है। इसके अंतर्गत यदि किसी प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़ के दौरान पशुओं की मृत्यु हो जाती है, तो सरकार प्रभावित परिवारों को आर्थिक अनुदान देती है। इस योजना का संचालन पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग द्वारा किया जा रहा है।
अनुदान की श्रेणियाँ
राज्य सरकार द्वारा घोषित राहत के अनुसार, निम्नलिखित श्रेणियों में सहायता दी जाती है:
- दूध देने वाले बड़े पशु (गाय, भैंस): मृत्यु होने पर प्रति पशु ₹37,500 तक सहायता।
- छोटे पशु (बकरी, भेड़, सूअर): प्रति पशु ₹4,000 की सहायता, अधिकतम 30 पशुओं तक की सीमा।
लाभार्थी पात्रता एवं प्रक्रिया
- कोई भी परिवार अधिकतम तीन श्रेणियों का लाभ ले सकता है।
- हर श्रेणी में सहायता की अधिकतम सीमा तय की गई है।
- पशु की मृत्यु प्रमाणित होने के बाद जिला पशुपालन कार्यालय में आवेदन करना होता है।
योजना का सारांश
| श्रेणी | पशु प्रकार | अधिकतम अनुदान राशि | सीमा |
|---|---|---|---|
| श्रेणी‑1 | गाय, भैंस (दूध उत्पादन) | ₹37,500 प्रति परिवार | अधिकतम 3 बड़े पशु |
| श्रेणी‑2 | बकरी, भेड़, सूअर | ₹4,000 प्रति पशु | अधिकतम 30 छोटे पशु |
निष्कर्ष
बिहार सरकार की यह योजना उन किसानों और पशुपालकों के लिए राहत है, जिनका मुख्य आजीविका स्रोत पशुधन है और जिन्हें बाढ़ या अन्य आपदाओं के कारण आर्थिक क्षति झेलनी पड़ती है। यह पहल ग्रामीण जीवन को स्थायित्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
FAQs: पशु मृत्यु पर बिहार सरकार की राहत योजना – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
बिहार सरकार गाय या भैंस जैसे बड़े पशुओं की मृत्यु पर अधिकतम ₹37,500 तक का अनुदान देती है, जबकि बकरी, भेड़ या सूअर जैसे छोटे पशुओं पर प्रति जानवर ₹4,000 तक की सहायता मिलती है।
एक परिवार अधिकतम 3 बड़े पशुओं और 30 छोटे पशुओं तक के लिए अनुदान का लाभ उठा सकता है, और तीन श्रेणियों में सहायता प्राप्त कर सकता है।
पशु की मृत्यु की पुष्टि के बाद नजदीकी जिला पशुपालन कार्यालय में आवेदन करना होता है। जरूरी दस्तावेज़ और स्थानीय स्तर पर सत्यापन के बाद सहायता राशि स्वीकृत होती है।
हां, यह योजना बाढ़, भारी बारिश, भूकंप, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुए पशु मृत्यु पर लागू होती है, बशर्ते संबंधित विभाग द्वारा आपदा घोषित की गई हो।

