विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का उद्देश्य
बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) अभियान चलाया जा रहा है। इस प्रक्रिया के तहत डुप्लिकेट, मृतक या बाहर जा चुके व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं।
पहला चरण और संभावित कटौती
पहले चरण के दौरान कई नामों को हटाए जाने की संभावना है, इससे मतदाता सूची में पारदर्शिता और शुद्धता लाई जाएगी।
दूसरा मौका: दावे-अभ्योजन (Claims‑Objections)
जो नागरिक 25 जुलाई तक सूची में अपना नाम जुड़वाने से वंचित रह गए थे, उन्हें 1 अगस्त से 1 सितंबर के बीच एक और अवसर मिलेगा। इस दौरान फॉर्म‑6 और संबंधित घोषणापत्र के माध्यम से आवेदन किया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का दिशा‑निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रक्रिया को जारी रखने की अनुमति तो दी है, लेकिन चुनाव आयोग को यह स्पष्ट निर्देश दिया है कि वह समावेश पर बल दे, ना कि वंचना पर। यदि किसी बड़े स्तर पर योग्य मतदाताओं को सूची से हटाया जाता है, तो अदालत इसमें दखल दे सकती है।
विपक्ष और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस प्रक्रिया को लेकर विपक्षी दलों ने चिंता जताई है। विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक अधिकारों के विरुद्ध है। कई सांसदों ने संसद भवन परिसर में लगातार प्रदर्शन करते हुए इसकी समीक्षा और रद्द करने की मांग की है।
मुख्य जानकारी एक नजर में
| विषय | विवरण |
|---|---|
| प्रक्रिया की शुरुआत | 24 जून 2025 से |
| पहले चरण में संभावित कटौती | लगभग 6.5 मिलियन नाम हटाए जा सकते हैं |
| ड्राफ्ट सूची की तिथि | 1 अगस्त 2025 |
| दावे-अभ्योजन की अवधि | 1 अगस्त से 1 सितंबर तक |
| आवेदन फॉर्म | फॉर्म‑6 + घोषणा पत्र (Annexure D) |
| कोर्ट का निर्देश | समावेश को प्राथमिकता, बड़े स्तर पर वंचना होने पर हस्तक्षेप संभव |
| विपक्ष की प्रतिक्रिया | प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग, लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा बताया |
निष्कर्ष
बिहार में चल रही वोटर लिस्ट रिविज़न प्रक्रिया मतदाता सूची को अधिक प्रामाणिक और अद्यतन बनाने का प्रयास है। सिवान सहित सभी जिलों के नागरिकों को एक बार फिर मौका मिल रहा है कि वे अपने मताधिकार को सुरक्षित रखें और समय रहते नाम दर्ज कराएं। सुप्रीम कोर्ट की सतर्क निगरानी और विपक्ष की भागीदारी इसे एक पारदर्शी प्रक्रिया बनाए रखने में सहायक बन सकती है।
विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और वोटर लिस्ट 2025 से जुड़ी जानकारियाँ
SIR यानी प्रक्रिया है जिसके तहत बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य डुप्लिकेट, मृतक या बाहर जा चुके लोगों के नाम हटाकर सूची को पारदर्शी बनाना है।
जिन नागरिकों का नाम 25 जुलाई तक की प्रक्रिया में सूची से हट गया या जो नाम जुड़वाने से रह गए, वे 1 अगस्त से 1 सितंबर 2025 के बीच फॉर्म‑6 और घोषणापत्र (Annexure D) के माध्यम से पुनः आवेदन कर सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि SIR प्रक्रिया में समावेश (Inclusion) पर ज़ोर दिया जाए और किसी भी योग्य मतदाता को वंचित न किया जाए। यदि बड़े स्तर पर योग्य लोग सूची से हटते हैं, तो कोर्ट हस्तक्षेप करेगा।
हां, विपक्षी दलों ने इस प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि इससे लोकतांत्रिक अधिकारों पर खतरा मंडरा रहा है। संसद परिसर में लगातार प्रदर्शन करते हुए विपक्ष ने इस प्रक्रिया की समीक्षा और रद्द करने की मांग की है।

