बक्सर (बिहार) से निकली बारात ने नावों का सहारा लिया और बाढ़ प्रभावित बलिया (उत्तर प्रदेश) के बेयासी गांव तक पहुँचकर एक अनोखी रस्म निभाई।
बाढ़ के बीच परंपरा और संकल्प का मिलन
बक्सर के रहने वाले राजेश कुमार की शादी का जश्न उस समय अचानक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति में बदल गया, जब गंगा नदी का पानी बढ़ने से सारे मार्ग जलमग्न हो गए। सड़क मार्ग बंद होने के बावजूद, बारात रद्द करना कोई विकल्प नहीं था। इसलिए, परिवार ने नावों से मार्ग तय करने का साहसिक निर्णय लिया। गंगौली गांव के तटबंध से लगभग 25 रिश्तेदारों और साथी नावों में सवार होकर दूल्हे को लेकर रवाना हुए। दूल्हा पारंपरिक पोशाक में रंग-बिरंगी सजी नाव पर सवार था, जिसने इस यात्रा को और भी भावपूर्ण बना दिया। डीजे या बैंड न होने के बावजूद, पानी की लय और नाविकों के जयघोष ने कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
बाढ़ ने नहीं रोकी, बढ़ा दी उत्सव की गरिमा
बारात की अद्वितीय यात्रा ने न केवल स्थानीय लोगों को आश्चर्यचकित किया, बल्कि सोशल मीडिया पर भी धूम मचा दी। गांववाले नदी किनारे इकट्ठा होकर इस विशेष पल को कैमरे में कैद करते रहे, और कथित रूप से यह वीडियो व्यापक रूप से साझा किया गया। दूल्हे के पिता कमलेश राम ने कहा:
“शादी की तारीख पहले ही तय हो चुकी थी, इसलिए हमने परिस्थितियों को स्वीकार किया और मां गंगा की लहरों ने इस विवाह को अविस्मरणीय बना दिया।”
और दो अतिरिक्त पैराग्राफ़:
इन नावों से हुई बारात परंपरा को कुछ नया रूप देना था—जहां घोड़ा, बैण्ड और भव्य लाव-लश्कर की कमी थी, वहीं उत्सव में एक प्राकृतिक और सरल सौंदर्य झलक रहा था। पानी की हलचल, ग्रामीणों की सहज भाव-प्रतिक्रियाएं, और नई राह अपनाने का साहस—इस सबने इस शादी को एक सुंदर, जीवंत अनुभव बना दिया।
ऐसा प्रतीत होता है कि भविष्य में ऐसी अप्रत्याशित परिस्थितियाँ बारात की परंपरा को नए रूप में देखने का अवसर देंगी। यह आयोजन हमारे लिए यह संदेश भी लेकर आया कि संकल्प और रचनात्मकता से परंपराएँ किसी भी बाधा के बावजूद जीवित रह सकती हैं।
उत्तर: यह बारात 7 अगस्त 2025 को बिहार के बक्सर जिले के गंगौली गांव में स्थित तटबंध से शुरू हुई थी।
उत्तर: दूल्हे के साथ लगभग 25 रिश्तेदार और अन्य मेहमान दो-दो नौकाओं में सवार होकर यात्रा में शामिल थे।
उत्तर: नहीं, इस बारात में पारंपरिक रूप से डीजे या म्यूजिक बैंड का आयोजन नहीं था। इसके स्थान पर पानी की रिदम और नाविकों के जयघोष ने माहौल को जीवंत बनाया।
उत्तर: बाढ़ की विपरीत परिस्थिति के बावजूद शादी की परंपरा निभाने का अनूठा तरीका, नावों का उपयोग और ग्रामीणों की भावनात्मक प्रतिक्रिया ऐसी घटनाओं को सोशल मीडिया पर वायरल बनाने में कारगर होती है।


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